बदल रहा है नित ये जमाना, गिरगिट की तरह रंग बदलता। बदल रहा है नित ये जमाना, गिरगिट की तरह रंग बदलता।
जीवन टूट गये हैं उसके अनिश्चित स्नेह की प्रतीक्षा में। जीवन टूट गये हैं उसके अनिश्चित स्नेह की प्रतीक्षा में।
ये त्याग का सागर है, जिसमें मोती दस हज़ार। ये त्याग का सागर है, जिसमें मोती दस हज़ार।
पर मेरी जातियों में घुल जाना, फिर मैं खुलकर तुमसे प्यार करूंगी। पर मेरी जातियों में घुल जाना, फिर मैं खुलकर तुमसे प्यार करूंगी।
किसी को गुणवान बनाती है। किसी को गुणवान बनाती है।